
सीकर. दो पुत्रियों के जन्म के बाद नसबंदी करवाने वाले दम्पतियों की दोनों पुत्रियों के सुकन्या समृद्धि योजना खातों में स्वास्थ्य विभाग 30-30 हजार रूपए जमा करवाएगा। इसका मकसद प्रदेश में गिरते लिंगानुपात, कन्या भ्रूण हत्या, बालिका शिक्षा में पिछड़ापन और आर्थिक असमानता जैसे गंभीर मुददों का समाधान करना है। इस सोच के साथ मुख्यमंत्री बालिका संबल योजना की शुरूआत की है।
सीएमएचओ डॉ. अशोक महरिया ने बताया कि यह योजना केवल आर्थिक सहयोग के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक सोच में बदलाव लाने का माध्यम है। जिले में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक पात्र दम्पति योजना से जुड़ें और लाभ उठा सके। यह योजना समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच पैदा करने की दिशा में ठोक कदम है। नसबंदी के बाद आर्थिक सहायता के साथ साथ शिक्षा और सुरक्षा जोड़ना मजबूत पहलू है। इस योजना से लोगों में जागरूकता आएगी और लिंगानुपात में सुधार होगा तथा बच्चियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में सार्थक प्रयास साबित होगा।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हर्षल चौधरी ने बताया कि जिले में इस योजना के तहत अब तक एक दम्पती की 2 पुत्रियों के खाते में राशि जमा करवाई जा चुकी है। योजना को उद्देश्य बालिकाओं के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है। इसके तहत गत मार्च माह में चिकित्सा विभाग ने डाक विभाग के साथ एमओयू किया था। इसके तहत पात्र बालिकाओं के नाम से अल्प बचत योजनाओं में निवेश किया जाएगा।
बच्चियों के नाम एकमुश्त राशि के साथ अभिभावकों को दो लाख रूपए के दुर्घटना बीमा का भी मिलेगा फायदा
योजना के तहत दो पुत्रियों के जन्म के बाद नसबंदी कराने वाले प्रत्येक बालिका के नाम 30 हजार की एकमुश्त राशि सुकन्या समृद्धि खाता या अन्य डाक योजनाओं में जमा करवाई जाएगी। इसमें परिवक्वता 21 वर्ष की उम्र पर या 18 वर्ष की उम्र में विवाह अथवा शिक्षा के लिए आंशिक निकासी का प्रावधान किया गया है। वहीं, माता-पिता या अभिभावक को दो लाख रूपए का दुर्घटना बीमा लाभ भी शामिल है। योजना के तहत बालिका की आयु 0 से 5 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदन उसी जिले में किया जाना है जहां नसबंदी करवाई गई हो। सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों/एनजीओ में नसबंदी करवाने वाले राजस्थान मूल निवासी पुत्र रहित दंपति इस योजना में पात्र होंगे।